Indicators on shiv chalisa lyricsl You Should Know

योगी यति मुनि ध्यान लगावैं। नारद शारद शीश नवावैं॥

त्राहि त्राहि मैं नाथ पुकारो। येहि अवसर मोहि आन उबारो॥

जय गिरिजा पति दीन दयाला। सदा करत सन्तन प्रतिपाला॥

लै त्रिशूल शत्रुन को मारो। संकट से मोहि आन उबारो॥

सदा करत सन्तन प्रतिपाला ॥ भाल चन्द्रमा सोहत नीके ।

एक कमल प्रभु राखेउ जोई। कमल नयन पूजन चहं सोई॥

कानन कुण्डल नागफनी के ॥ अंग गौर शिर गंग बहाये ।

लै त्रिशूल शत्रुन को मारो। संकट से मोहि आन उबारो॥

बुरी आत्माओं से मुक्ति के लिए, शनि के प्रकोप से बचने हेतु हनुमान चालीसा का पाठ करें

प्रगट उदधि मंथन में ज्वाला। जरे सुरासुर भये विहाला॥

अर्थ: माता मैनावंती की दुलारी अर्थात माता shiv chalisa in hindi पार्वती जी आपके बांये अंग में हैं, उनकी छवि भी अलग से मन को हर्षित करती है, तात्पर्य है कि आपकी पत्नी के रुप में माता पार्वती भी पूजनीय हैं। आपके हाथों में त्रिशूल आपकी छवि को और भी आकर्षक बनाता है। आपने हमेशा शत्रुओं का नाश किया है।

योगी यति मुनि ध्यान लगावैं। नारद शारद शीश नवावैं॥

सहस कमल में हो रहे धारी। कीन्ह परीक्षा तबहिं पुरारी॥

लिङ्गाष्टकम्

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